शुभम,
अष्टम भाव के नाम पर अक्सर हम बहुत डर जाते है और गलती से वह क्रूर गह बैठ जाये तों? तो क्या वाकई हमे हार माननी चाहिए?
आपको बोरवेल क्या होता है पता ही होगा। बोरवेल मतलब जमीन के भीतरी वस्तुओ का पता लगाना ठीक वेसे ही है हमारी कुंडली का अष्टम भाव। जैसे जैसे आप उनमे गहरे होते जाओगे आपको वहा भिन्न भिन्न प्रकार के ज्ञान मिलते जाएंगे,कभी सोने और कभी कोयले जैसा ज्ञान भी मिल सकता है। आप सोचोगे की यह मेरे काम का नही पर थोड़ी और महेनत के बाद वही से हीरा मिलेगा और तभी आपका पूरा जीवन बदल जाएगा क्योंकि अष्टम भाव आपके अवचेतन मन का है। वह जागृत होता है तभी बदलाव आता है।
लेकिन दिक्कत यह है की जैसे कुछ बुरी चीजे हाथ लगती है हम वही हिम्मत हार कर और गहराई मे नही जाते। अष्टम भाव हमारा अंतर मन है जिसे आप अपने पूर्व जन्म से प्रेरित करते आ रहे है पर आपकी दक्षता बताएगी की आप उसे ठीक से समझे की नही।
जहा दुनिया की सभी मोहमाया समाप्त हो कर आगे सफर शरू हो वह भी अष्टम भाव ही है।
- अष्टम भाव का कारक शनि ग्रह है।
- अष्टम भाव के कारक मे आयु,विरासत,गूढविध्या,छुपा हुआ खजाना, रहस्य,तंत्र-मंत्र,संशोधन,मृत्यु और मृत्यु के कारण,आध्यात्मिक वस्तुओ आदि का समावेश होता है।
- कुंडली का अष्टम भाव सर्जन, मेडिकल ऑफिसर, मनोचिकित्सक, ज्योतिष जेसे कार्यक्षेत्रों के बारे मे बताता है।
कुंडली का अष्टम भाव सबसे गूढ और रहस्यमय भाव मना गया है साथ ही हमारे गुरुओ का भी मानना है की इस भाव के ऊपर बहुत अधिक चर्चा नही करनी चाहिए। इसलिए अष्टम भाव के ऊपर यह कुछ बाते जनहितार्थ हेतु उजागर करने के बाद अब यह लेख समाप्त करती हूँ।
Very good. Excellent job 👏
Excellent knowledge 👍🏻
अष्टमभाव मे शनि के साथ केतु हो तो क्या अनुमान कर शकते है?
👌🙏