शुभम
ज्योतिष में कइ पद्धतियों और प्रणाली से भविष्यवाणी (प्रेडिक्शन) कि जाती हे । दो प्रणाली का ज्यादातर उपयोग किया जाता हे । सायन पद्धति और निरयन पद्धति। पाश्चात्य ज्योतिष (वेस्टर्न एस्ट्रोलॉजी) में सायन पद्धति को ध्यान में रख के भविष्यवाणी कि जाती हे । जबकि वैदिक ज्योतिष और भारत में हम निरयन पद्धति से भविष्यवाणी (प्रेडिक्शन) करते हे । दोनों प्रणाली के अपने अपने कुछ अंतर है हम उसमे आगे नहीं जाते परंतु सूर्य राशि और चंद्र राशि को ध्यान में रख के समझते हे।
ज्यादातर लोगो का यही मानना हे की सूर्य राशि सिर्फ वेस्टर्न एस्ट्रोलॉजी में ही होती है परंतु सूर्य राशि तो वैदिक एस्ट्रोलॉजी में भी होती है । उसी तरह से चंद्र राशि भी दोनों पद्धति में होती हे । अगर हम सरल भाषा में सूर्य राशि और चंद्र राशि को समजे तो,
सूर्य राशि – मतलब – कुंडली में जिस राशि में सूर्य स्थित हो उस राशि को सूर्य राशि
चंद्र राशि – मतलब – कुंडली में जिस राशि में चंद्र स्थित हो उस राशि को चंद्र राशि
अब हम सूर्य राशि को जन्म तारीख और निरयन पद्धति से कैसे जान सकते है वो देखते हे । देखिए निरयन ज्योतिष के अनुसार सूर्य का राशि परिवर्तन किसी भी महीने के १४ और १५ तारीख के आसपास ही होता हे । ऐसा कहा जाता है के ७२ वर्ष के बाद १ दिन का फरक आता हे । सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। सूर्य राशि, राशि चक्र की एक राशि में लगभग एक महीने (३० दिन) तक रहते हे। इसी कारण हिंदू पंचांग मास का निर्धारण भी सूर्य की चाल पर होता हे। तिथि का आरंभ भी सूर्योदय से ही मानते हे।
सूर्य राशि जानने के लिए जन्म तारीख और जन्म मास को निचे दिए गए टेबल के हिसाब से देखिये ।
जन्म तिथि ( इन तारीखों के बिच में हो ) | सूर्य राशि |
14 अप्रैल – 14 मई | मेष |
15 मई – 14 जून | वृषभ |
15 जून – 17 जुलाई | मिथुन |
18 जुलाई – 15 अगस्त | कर्क |
16 अगस्त – 16 सितंबर | सिंह |
17 सितंबर – 17 अक्टूबर | कन्या |
18 अक्टूबर – 16 नवंबर | तुला |
17 नवंबर – 15 दिसंबर | वृश्चिक |
16 दिसंबर – 15 जनवरी | धनु |
16 जनवरी – 12 फरवरी | मकर |
13 फरवरी – 14 मार्च | कुंभ |
15 मार्च – 13 अप्रैल | मीन |
उदाहरण रूप : अगर जन्म 22-04-1990 (२२ अप्रैल १९९०) को हुआ हे तो ऊपर बताये गए टेबल के हिसाब से आपका सूर्य कुंडली में मेष राशि में होगा । सरल हे ना ?
चंद्र राशि / जन्म राशि
इसी तरह से चंद्र राशि जानना भी काफी सरल हे । चंद्र राशि को जान ने के लिए आपको जन्म तारीख, जन्म समय, जन्म स्थल की जरुरत होगी। चंद्र राशि को जन्म राशि भी कहा जाता हे । भारत में ज्यादातर व्यक्ति के नाम उनकी जन्म राशि / चंद्र राशि से ही रखा जाता हे । हरेक राशि के अपने कुछ अक्षर हे जिसके ऊपर से नाम रखे जाते हे ।
चंद्र राशि जानने के लिए जन्म समय और जन्म स्थल का होना बहोत आवश्यक हे । चंद्रमा किसी भी राशि में लगभग २.५ दिन तक रहते हे । अब ऐसा भी हो सकता हे की जिस दिन चंद्र राशि परिवर्तन कर रहे हो तो १ ही दिन में वो दो अलग-अलग राशि में भी हो सकते हे । अगर हम सही जन्म समय जानते हे तो सही चंद्र राशि जान सकते हे । चलिए तो फिर एक उदहारण लेते हे ।
उदाहरण रूप : अगर जन्म 22-04-1990 (२२ अप्रैल १९९०), १० :०० AM मॉर्निंग , अहमदाबाद, गुजरात, भारत में हुआ हे तो उसके हिसाब से जन्म कुंडली / लग्न कुंडली निचे के अनुसार बनके आएगी । जिसमे आप देख सकते हे की चंद्र जिस स्थान / भाव में हे वंहा ११ नंबर लिखा हे । १२ राशि में क्रमानुसार ११ वि राशि कुंभ हे तो यंहा चंद्र राशि / जन्म राशि कुंभ हुई । सरल हेना ।
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Sun table understand easily but moon understand is not possible without table so please suggest to understand it on batter way. Please