चंद्रमा
चंद्र को हम सब कैसे जानते है?? , बच्चो के लिए उनके प्यारे चंदामामा, जिसको देख के सभी बच्चे बहोत ही खुश हो जाते है, उनमे क्या देखते है, एक बुजुर्ग औरत बकरी को लेकर खड़ी हुई है…| एक प्रेमी के लिए, चन्द्र को अपनी प्रेयसी के साथ बैठे हुए देखना और चाँद तारे तोड़ कर लाने की बात करना, एक औरत के लिए, चंद्र देव जीसे रात को दर्शन करने के बाद बीज या तो करवा चौथ का उपवास खोलती है | पुर्णिमा का चाँद जिसे देख के एक कवि अपनी कविता लिखता है, आप ही सोचिए यह बड़े थाली जैसे चाँद को देख कर क्या आप खुश नाही होते है? चलिये आज कुछ और रोचक बाते जानते है चंद्र के बारे मे …
वैज्ञानिक परिभाषा मे चंद्र को पृथ्वी का उपग्रह कहा गया है| चंद्रमा पृथ्वी के आसपास चक्कर लगता है | क्या आप जानते है चंद्र को ज्योतिष मे व्यक्ति के मन के साथ जोड़ा गया है | हम सब तिथी जानते है पर क्या आपको पता है तिथी का निर्माण चंद्र की कला से होता है | जब चंद्र सूर्य से 12 अंश आगे जाता है तब एक तिथी बनती है| चंद्र स्वयं प्रकाशित नही है, सूर्य के प्रकाश से वह हमे प्रकाशित दिखता है | पुर्णिमा के समय सूर्य और चंद्र एक दूसरे के सामने होते है इसिलिय हम पुर्णिमा को सुंदर, गोल बड़ा सा चंद्र देख सकते है | वैसे ही अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्र साथ मे होते है , इसीलिए हम वो दिन चाँद को देख नाही पाते है | समुद्र की भरती ओट भी चन्द्र की वजह से होती है | पुर्णिमा के आसपास का चंद्र यानि शुक्ल पक्ष अष्ठमी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक के चंद्र को हम शुभ मानते है | और बाकी तिथी मे हम चंद्र को क्षीण या तो निर्बल मानते है|
चंद्र को मन का कारक माना जाता है | चंद्र को स्त्री जाती का ग्रह माना गया है | चंद्र को रानी कहा गया है | जल तत्व का ग्रह है | चंद्र कफ प्रकृति से जुड़ा हुआ है | चंद्र शीतलता प्रदान करता है | चंद्र एक राशि मे सवा दो दिन रेहता है | जिस राशि मे बिराजमान होते है उस अनुरूप अपना स्वभाव बना देते है | जिस ग्रह के साथ जुडते है उस जैसा बन जाते है |
- अग्नि तत्व की राशि मेष, सिंह और धनु राशि मे बिराजमान हो गए तो व्यक्ति को उत्साही , जोशवान बना देते है | उनके अंदर अग्नि सी कांति भर देते है |
- पृथ्वी तत्व की राशि वृषभ , कन्या और मकर मे बिराजमान हुए तो उनको स्थिरता प्रदान करते है , एसे व्यक्ति अपने काम से , अपनी जगह से जुड़े रहते है |
- वायु तत्व की राशि मिथुन , तुला या कुम्भ मे बिराजमान हुए तो व्यक्ति को विचारशील बना देता है | उनकी सोच वायु के समान तेज हो जाती है | कुछ भी कार्य करने से पहले हजारो बार सोचते है फिर शुरुआत करते है |
- जल तत्व की कर्क, वृश्चिक या मीन राशि मे बिराजमान हुए तो उनको बहोत ही संवेदनशील बना देते है | एसे व्यक्ति हमेशा दिल की सुन कर काम करते है | रचनात्मक बना देता है व्यक्ति को | एसे व्यक्ति सब का बहोत अच्छे से खयाल रखते है | पालन – पोषण करते है |
अब बात करते है ग्रहो की, चंद्रमा जिसके भी साथ बिराजमान हुआ उन जैसा बन जाता है या तो उनका प्रभाव अपने ऊपर ले लेता है, ठीक अपने मन की तरह , हम कहते है ना व्यक्ति के जीवन पर संगत का असर बहोत होता है | “जैसी संगत, वैसी रंगत” सुना ही होगा सब ने | चंद्र जब सूर्य के साथ बिराजमान होता है , सूर्य राजा है , चंद्र रानी है तो पूर्ण रूप से सूर्य मे ढल जाता है | मन और आत्मा एक हो जाते है | एसे व्यक्ति बहोत ही हठी बन जाते है , अपनी सोच पे अड्ग रहते है | चंद्र अगर मंगल के साथ युति मे बैठ गए तो , व्यक्ति को aggressive बना देता है, धीरजवान और किसे कार्य को कैसे भी पूरा करने वाला बना देता है | यदी चंद्र अगर शुक्र के साथ बिराजमान हुए तो व्यक्ति को महत्वाकांक्षी और संवेदनशील बना देता है | ख़यालो मे खोये रहते है | चंद्र बुध अगर साथ मे हो गए तो व्यक्ति को बच्चे जैसा बना देता है, उनको किसी के साथ की हमेशा जरूरत रहती है | तार्किक क्षमता भी थोड़ी बहोत रहती है| चंद्र मानो गुरु के साथ बिराजमान हो गए तो सोने पे सुहागा , व्यक्ति पे सदैव गुरु कृपा , बड़ो का आशीर्वाद बना रेहता है | उनका हर काम आसानी से होजाता है | चंद्र अगर शनि के साथ बिराजमान हो गए तो , व्यक्ति को चिकनापन देता है, शंकाशील बना देता है व्यक्ति को , उसके साथ हर बात की जड़ तक जाने की इच्छा भी देता है | चंद्र अगर राहु या केतु के साथ बिराजमान हो गए तो , कुछ न कुछ बधा लाता रेहता है , क्रांतिकारी विचार देता है , एसे व्यक्ति मैनेजमेंट एक्सपेर्ट हो सकते है | तो यह थी थोड़ी चंद्र के बारे मे जानकारी, अगर ऐसी और रोचक बाते जानना चाहते है तो लिखिए हमे |
True…Very informative…and helpfull.