शुभम,
हम सब राहु – केतु का नाम सुनकर ही डर जाते है| यदि किसी ने कहा दिया की आपको राहु की दशा चल रही है। तो???? तो दिमाग सुन पड़ जाता है| पर क्या सच मे राहु – केतु इतने बुरे है? आपको तो पता ही होगा कोई बुरा इंसान अपने घर के सदस्यो के लिए अच्छा ही होता है| है की नही??? तो आज हम राहु केतु के बारे मे सकारात्मक बाते जानते है|
आप मे से थोड़े बहोत लोग तो जानते होगे की राहु हिरण्यकशिपु की बहन सिंहिका के गर्भ से जन्मा है| समुद्र मंथन के समय जब अमृत कलश की प्राप्ति हुई, तब दानवो को अमृत ना मिल पाये उसके लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रुप धारण किया और दानवो को मोह लिया | जब देवता को अमृत बांटा जा रहा था तब राहु ने देवता का वेश धारण कर सूर्य और चन्द्र देव के नजदीक बैठ गया , पर यह बात सूर्यदेव और चन्द्र देव को पता चल गई और उन्होने भगवान विष्णु को बता दिया | भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया पर तब तक राहु के गले मे कुछ अमृत की बुँदे जा चुकी थी | ईसलिए उसका धड़ और सिर दोनों अलग अलग पर जीवीत रहे| सर को राहु और धड़ को हम केतु के नाम से जानते है| ईसीलिए यह भी माना जाता है की राहु – केतु को चंद्र और सूर्य से बैर है | क्योंकि उन दोनों ने भगवान विष्णु को राहु का वेश धर के आने की बात बता दी थी |
यह बात हुई हमारे शास्त्र की अब जानते हे खगोलीय परिभाषा मे, राहु – केतु जिसे हम छाया ग्रह के नाम से जानते है, वो सूर्य और चंद्रमा के मार्ग का छेदन बिन्दु है| उत्तर दिशा मे जो छेदन बिन्दु पड़ता है उसे राहु और दक्षिण दिशा मे जो छेदन बिन्दु पड़ता है उसे केतु कहते है| एक दूसरे से 180 डिग्री पर होते है | नीचे दिये गई आकृति मे आप स्पष्ट रूप से देख सकते है| राहु केतु दिखते नहीं है| किन्तु उनकी असर हमे बहोत प्रभावित करती है| हम उन्हे lunar node के नाम से भी जानते है| राहु – केतु एक राशि मे 18 मास रेहते है | यानि डेढ़ साल लगता है राहु और केतु को एक राशि का परिभ्रमण करने मे | और 18 साल लगते है पूरा एक चक्कर लगाने मे |
राहु से प्रभावित लोग आपको यह सब जगह दिख सकते है, जैसे रिसर्च के कार्य मे, pathology मे , vaccine , काला बाजार, chemist, तर्कशास्त्र से जुड़े कार्यो मे | management experts, administrator भी हो सकते है एसे लोग । तृष्णा, logic, ज़हर, परदेश गमन, सट्टा, जुगार , झूठ बोलना यह सब राहु के कारक है |
केतु से प्रभावित लोग धर्मगुरु, पुजारी या संशोधक हो सकते है| पत्रकारत्व, आयात निकास के कार्य मे रुचि रहती है | क्रांतिकारी लोगो मे भी केतु का प्रभाव खूब होता है| मोक्ष, मंत्रशास्त्र , भेदनीति, तोडफोड, दवाई से जुड़े शास्त्र, तपस्या, मौन सब केतु के कारक है|
राहु जो आपको तर्कशील बनाता है| यह राहु ही है जो आपको ऊंची उड़ान भरने का साहस देते है| आपको पता है जिसे राहु का सपोर्ट होता है वो अच्छे administrator बन सकते है | यह राहु ही है जो आपको विचारशील बनाता है | राहु ही आपको बार बार सोचने को कहेगा , कहेगा “अरे तु यह करने जा रहा है रुकजा सोच समझ के बाद मे करना !!!” | अपनी खुशी पहेले दिखाता है राहु | अभी यह भी तो जरूरी है ना??? है की नहीं???
केतु जिसे रूढ़ि मे रेहना पसंद नहीं| केतु जिसे बंदिशों मे रेहना पसंद नहीं है| एक ही जैसा कुछ केतु को पसंद नही है| आप जानते हो ईसे क्या पसंद है??? इसे पसंद है आज़ादी , बंदिशों को तोड़ना , नया कुछ बनाना | अगर आपका केतु सकारात्मक है तो आप को यह आध्यात्मिक उन्नति दिलाता है| यह ही है जो आपको पुराने बंधनो को तोड़ के कुछ नया सर्जन करने की सोच करावा सकता है |
अगर व्यक्ति को कीसी भी प्रकार की उन्नति चाहिए, राहु – केतु के बीना नही मिल सकती| यह ही है जो आपको आध्यात्मिक – और भौतिक उन्नति मे आगे बढ़ा सकता है| तो आज से अभी से राहु – केतु से डरने की जरूरत नही है| सिर्फ इनको समझ ने की जरूरत है |
शुभम
Excellent 👍🏻
Wonderful analysis Namrata…. Very simple way to understand…… Useful for everyday life.
Understandable
Muchas gracias. ?Como puedo iniciar sesion?